भक्तो के लिये तूने क्या ना किया
राधा के पिया राधा के पिया
राधा के पिया......................
एक विप्र सुदामा आया था
उपहार में तंडुल लाया था
निर्धन को धनी बना दिया
राधा के पिया......................
जब गज पर भीड़ पड़ी भारी
तब गज ने नाथ पुकारा था
फिर गज को गृह से छुड़ा लिया
राधा के पिया......................
जब खीची दुशाशन ने साड़ी
तब चिल्लाई द्रोपती नारी
फिर आकर चीर को बड़ा दिया
राधा के पिया......................
जब शिव पर भीड़ पड़ी भारी
तब आप बने नर से नारी
जब भस्मासुर को भस्म किया
राधा के पिया......................
प्रभु नैया पार करो मेरी
प्रभु हमसब शरण आज तेरी
अब आपसे नेह लगा लिया
राधा के पिया......................
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