हत्था जोड़ी बहुत ही शक्तिशाली व प्रभावकारी वस्तु है यह :-मुकदमा, शत्रु संघर्ष, दरिद्रता आदि के निवारण में बहुत प्रभावी है इसके जैसी चमत्कारी वस्तु आज तक देखने में नही आयी इसमें वशीकरण को भी अदुभूत शक्ति है -
भूत - प्रेत आदि का भय नही रहता यदि इसे तांत्रिक विधि से सिध्द कर दिया जाए तो साधक निष्चित रूप से चामुण्डा देवी का कृपा पात्र हो जाता है यह जिसके पास होती है उसे हर कार्य में सफलता मिलती है धन संपत्ति देने वाली यह बहुत चमत्कारी साबित हुई है तांत्रिक वस्तुओं में यह महत्वपूर्ण है -!
हत्था जोड़ी में अद्भुत प्रभाव निहित रहता है, यह साक्षात चामुंडा देवी का प्रतिरूप है-!यह जिसके पास भी होगी वह अद्भुत रुप से प्रभावशाली होगा !सम्मोहन, वशीकरण, अनुकूलन, सुरक्षा में अत्यंत गुणकारी होता है, हत्था जोड़ी.हमारे तंत्र शास्त्र तथा तन्त्र का प्रयोग करने वालो के लिये एक महत्वपूर्ण वनौषधि के नाम से जानी जाती है। इसके पत्ते हरे रंग के होते है साथ ही यह भी देखा जाता है इन पत्तो के नीचे के हिस्से मे सफ़ेद रंग की परत होती है और इस सफ़ेद हिस्से पर बाल जैसे मुलायम रोंये होते है। इसके ऊपर गुलाब की तरह का फ़ूल आता है कही कही पर फ़ूल मे नीला रंग भी दिखाई देता है। यह प्राय: पंसारियो के पास या राशि रत्न बेचने वालो के पास से प्राप्त कि जा सकती है इसे तांत्रिक सामान बेचने वाले भी अपने पास रखते है।
हत्थाजोडी को कर जोडी हस्ताजूडी के नाम से भी जाना जाता है ! इसकी उपज किसी भी पेड की छाया मे तथा नम जमीन मे होती है इसकी जड गोल होती है और रंग काला होता है इसी जड मे हत्था जोडी बनती है।यदि आप खूब मेहनत और लगन से काम करके धनोपार्जन करते हैं फिर भी आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आपको अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इससे सम्बंधित उपाय करने चाहिए।इसके लिए किसी भी शनिवार अथवा मंगलवार के दिन हत्था जोड़ी घर लाएं। इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर घर में किसी सुरक्षित स्थान में अथवा तिजोरी में रख दें। इससे आय में वृद्घि होगी एवं धन का व्यय कम होगा।तिजोरी में सिन्दूर युक्त हत्था जोड़ी रखने से आर्थिक लाभ में वृद्धि होने लगती है.
हत्था जोड़ी के कुछ प्रयोग :-
१. प्रसव की सुगमता के लिये ग्रामीण इलाको मे इसे चन्दन के साथ घिस कर प्रसूता की नाभि पर चुपड देते है इससे बच्चा आराम से हो जाता है।
२. गर्भपात करवाने के लिये भी इसे प्रयोग मे लाया जाता है लेकिन इसके आगे के लक्षण बहुत खराब होते है जैसे हिस्टीरिया का मरीज हो जाना
३. जब कभी पेशाब रुक जाती है तो इसे पानी के साथ घिसकर पेडू पर लगाने से पेशाब खुल जाता है.
४. पेट मे कब्ज रहने पर इसको पानी के साथ घिस कर पेट पर चुपडने से कब्जी दूर होने लगती है.
५. मासिक धर्म के लिये इसके चूर्ण की पोटली बनाकर योनि मे रखने से शुद्ध और साफ़ मासिक धर्म होने लगता है लेकिन इस कार्य के लिये किसी योग्य डाक्टर या वैद्य की सहायता लेनी जरूरी होती है.
६. हत्थाजोडी का चूर्ण पीलिया के बहुत उपयोगी है पीलिया के मरीज को हत्थाजोडी के चूर्ण को शहद के साथ चटाने से लाभ मिलता है - लेकिन इसका चूर्ण शहद के साथ खिलाने के बाद रोगी को कपडा ओढ़ा देना जरूरी होता है जिससे पीलिया का पानी पसीने के रूप में निकलने लगेगा - कुछ समय बाद पसीने को तौलिया से साफ़ कर लेना चाहिये इससे यह समूल रोग नष्ट करने मे सहायक होती है.
७. पारा शोधन कि प्रक्रिया में भी हत्थाजोडी को प्रयोग मे लाते है - हत्थाजोडी के चूर्ण को पारे के साथ खरल करते है धीरे धीरे पारा बंधने लगता है - मनचाही शक्ल मे पारे को बनाकर गलगल नीबू के रस मे रख दिया जाता है कुछ समय मे पारा कठोर हो जाता है लेकिन पारा और हत्था जोडी असली हो तभी यह सम्भव है अन्यथा कुछ हासिल नहीं होता -!
८. हत्थाजोडी को सिन्दूर मे लगाकर दाहिनी भुजा मे बांधने से कहा जाता है कि वशीकरण होता है
९. बिल्ली की आंवर / जेर हत्थाजोडी और सियारसिंगी को सिन्दूर मे मिलाकर एक साथ रखने से कहा जाता है कि भाग्य मे उन्नति होती है
१०. यदि बच्चा रोता अधिक है और जल्दी-जल्दी बीमार हो जाता है तो शाम के समय, हत्थाजोडी के साथ रखे लौंग-इलायची को लेकर धूप देना चाहिए।
यह क्रिया शनिवार के दिन किन कर्यो के अधिक लाभकारी होती है।
११. किसी भी व्यक्ति से वार्ता करने में साथ रखे तो वो बात मानेगा.
१२. जिसको भी वश में करना हो, उसका नाम लेकर जाप करें तो इसके प्रभाव से वह व्यक्ति वशीभूत होगा.
१३. त्रि - धातु के तावीज में गले में धारण करने से बलशाली से बलशाली व्यक्ति भी डरता है. सभी कार्यों में निरंतर निर्भय होता है.
१४. प्रयोग के बाद चांदी की डिबिया में सिन्दूर के साथ ही तिजोरी में रख दें.
हत्थाजोडी को सिद्ध करने के तीन प्रकार के तरीके :-
1- क्क हत्थाजोडी मम् सर्व कार्य सिद्ध कुरू-कुरू स्वाहा
:- मंत्र के साथ पीपल के पते पर अपना नाम लिखकर हत्थाजोड़ी को पत्ते पर रखें। रुद्राक्ष - माला से रोजाना तीन माला पांच दिन तक जाप करें। इसे सिद्ध-अभिमंत्रित होने पर पूजा-स्थल पर रखें। साधक के सभी कार्य करने हेतु जागृत हो जाती है।
२. ॐ ऐं हीं क्ली चामुण्डायै विच्चे स्वाहा
मंत्र जप संख्या २१००० + २१०० मन्त्रों से हवन + २१० मन्त्रों से तर्पण + २१ मन्त्रों से मार्जन
यदि हवन करना किसी वजह से सम्भव न हो तो उतनी संख्या में जप किया जा सकता है लेकिन यदि सम्भव हो तो हवन करना ही ज्यादा उपयोगी होगा
:- इस मंत्र द्वारा सिद्ध की गई हाथाजोडी जीवन के विभिन्न क्षेत्रो में साधक को सफलता प्रदान करती है। जिस घर में विधिवत सिद्ध की गई असली हाथाजोडी की पूजा होती है, वह साघक सभी प्रकार से सुरक्षित और श्री सम्पन्न रहता है।
३. हाथा जोड़ी बहु महिमा धारी कामण गारी खरी पीयारी
राजा प्रजा मोहन गारी सेवत फल नर नारी
केशर कपूर से मैं करी पूजा दुश्मन के बल को तुं भुजा
मन इछंत मांगूं ते देवे-कहण कथन मेरा ही रवे
जोड़ी मात दुहाई रख जे मेरी बात सवाई
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र इश्वारोवाचा
विधि :
आज मैं आप सब के समक्ष उस विधि पर प्रकाश डाल रहा हु जिसको करने से आप के पास जो हत्था जोड़ी है वो पूर्णतया सिद्ध और चैतन्य हो जाएगी तत्पश्चात यदि इस हत्था जोड़ी पर आप कोई भी प्रयोग संपन्न करेगे तो आप का प्रयोग पूर्ण फलदायी होगा और यदि कोई प्रयोग नहीं भी करते है सिर्फ अपने धन के स्थान पर स्थापित भी कर लेते है तो भी यह पूर्ण फलदायी होगा ! हत्था जोड़ी प्राप्त होने पर इसको तेल शोधन से सर्व प्रथम सिद्ध किया जाता है इसके लिए आप पहले किसी पात्र में हत्था जोड़ी को रख कर जल से फिर दूध, दही, घी, शहद, शक्कर पुनः जल से शुद्ध कर साफ़ वस्त्र से पोछकर किसी अन्य पात्र ( कटोरी ) में इसको रखे और ऊपर से तिल का इतना तेल भर दे कि हत्था जोड़ी उसमें पूरी डूब जाय ! इस पात्र को सावधानी पूर्वक ऐसे स्थान पर रख दे जहाँ कोई छेड़छाड़ न करे ! कुछ दिन के अंतराल के उपरान्त हत्थाजोड़ी वाले पात्र का निरिक्षण करते रहे ! यदि तेल कम हो जाता है तो पुनः उस पात्र में तेल भर दे ! ऐसा मैंने देखा है कि हत्था जोड़ी तेल सोखती है ! हत्थाजोड़ी जब तेल सोखना बंद कर दे तो उसे निकाल ले ! इसके उपरान्त चाँदी कि डिब्बी में सिंदूर भरकर उसमें रखे ! सर्वप्रथम गणेश - गुरु पूजन करने के बाद हत्था जोड़ी का गंध, अक्षत, लाल पुष्प से पूजन कर केसर एक जोड़ी लौंग अर्पित करे और धुप दीप से पूजन कर लाल रंग की मिठाई का भोग लगाये और नेत्र बंद कर अपनी समस्त कामनाओ की पूर्ति करने के लिए तथा सुख- समृद्धि प्रदान करने का निवेदन करे , इसके बाद लाल चन्दन कि माला से एकाग्रता से निम्न मंत्र का दस हजार का जप करे ! उस के साथ सामने चक्रेश्वरी व भैरव की मूर्ती या चित्र स्थापन करें. व उनकी पूजा करें, भैरव की पूजा तेल और सिन्दूर व लाल फूल से करनी है, चक्रेश्वरी की अष्ट प्रकार से पूजा करनी है
ऋद्धि : ऊं ह्रीं अर्हं णमों सव्वोसवाण.
मन्त्र : ऊं नमो नामिऊण विसहर विस प्रणाशन रोग शोक दोष ग्रह कप्प्दुमच्चा यई सुहनाम गहण सकल सुह दे ऊं नमः स्वाहा.
(उपरोक्त तीसरे क्रम के मंत्र के अतिरिक्त ऊपर दिए गए ऋद्धि और मंत्र से भी पूजा करें. इस प्रकार साधना करने के पश्चात एक चांदी की डिबिया में शुद्ध सिन्दूर के साथ कृष्णपक्ष के पहले दिन ही सुबह इसको उल्टा करके (यानि पंजे नीचे की तरफ ) रख दें. फिर शुक्लपक्ष के पहले दिन सुबह सीधा करके (यानी पंजे ऊपर) रख दें. इस तरह तीन कृष्णपक्ष व तीन ही शुक्लपक्ष उल्टा सीधा करके रखते रहें. आखिर के शुक्लपक्ष में वो उल्टा ही रहेगा फिर हमेशा के लिये उसे उल्टा ही रखना है. उस चांदी की डिबिया को अपनी तिजोरी में रख दें. परन्तु कभी भी कोई औरत उस डिबिया को भूल से भी खोल कर न देखे. नहीं तो प्रभाव समाप्त हो जायेगा. यह बहुत ही सुंदर लक्ष्मी वर्धक प्रयोग है)
होली, दीपावली एवं नवरात्र को मंत्र जाप से ये प्रयोग ज्यादा शक्ति एवं प्रभाव देते हैं !हत्था जोड़ी को स्टील की डिब्बी में लौंग, इलायची व सिन्दूर के साथ ही रखना चाहिए।हालाँकि हत्था जोड़ी बहुत ही सस्ती वनौषधि है किन्तु प्रायः यह ईरान से भारत मंगाने पर खर्चा अधिक और मंगाने पर प्रतिबन्ध होने कि वजह से लोग दाब घास की जड को कृत्रिम रूप से हत्थाजोडी का रूप देकर सिन्दूर मे लगाकर बेचते है कुछ लोग मरे हुये चूजों के पंजो को भी मोड कर सिन्दूर आदि मे लगाकर बेचते हैं अतः निश्चित सफलता और उचित परिणाम के लिए विश्वशनीय व्यक्ति या प्रतिष्ठान से ही इसे प्राप्त करें जिससे कि प्रयोग एवं सफलता संदिग्ध न हो -!
1- क्क हत्थाजोडी मम् सर्व कार्य सिद्ध कुरू-कुरू स्वाहा
ReplyDeleteIsme mantra aur naam dono piple ke patte pr likhe hone chahiye kya...
:- मंत्र के साथ पीपल के पते पर अपना नाम लिखकर हत्थाजोड़ी को पत्ते पर रखें। रुद्राक्ष - माला से रोजाना तीन माला पांच दिन तक जाप करें। इसे सिद्ध-अभिमंत्रित होने पर पूजा-स्थल पर रखें। साधक के सभी कार्य करने हेतु जागृत हो जाती है।
Mahaindrajaal ki siddhi/Pooja vidhi mantron k saath bataiye please.
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ReplyDeletenice post
ReplyDeletemantrosemukti.com
nice post
ReplyDeletemantrosemukti.com
सुपर इंडिया
ReplyDeleteI have it's
ReplyDeleteMere pas bhi hai. Yah labhkari hai .
ReplyDeleteAAp Kidhar se Kharida. Kitna Labhkari hai, jari bataiye. Kitna Kimat Hai. Mere contact No. 8777019520.
DeleteMujhe aaj mili hai hatha jodi.
ReplyDeletehatha jodi pay jodi vanaspati ye kaha pr milegi.. and price kitna hai..
ReplyDeleteFrom where I can get hathajori
ReplyDeleteMuje hatha jodi chahie, to muje kaha milegi, my no. 9408938810 he, only WhatsApp
ReplyDeleteMuje hatha jodi chahie, to muje kaha milegi, my no. 9408938810 he, only WhatsApp
ReplyDeleteKisiko hatha Jodi chahiye to contact kare 8928820904
ReplyDeleteHi sir
DeleteI need this 1 set
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ReplyDeleteHello pandit ji pranam,
ReplyDeleteAapka number mujhe google se mila,mujhe siddh ki hui abhimantrit hattha jodi chaiye,jo mujhe mere fase huye dhan ko wapis pane,court me mera case jitwane,aur basikarn ke prayog me lana hy,kripaya aap iska price,aur mahatwa bataye,
Mera naam- sandeep Kumar Singh
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